एक समय की बात है। - Short Poem

एक समय की बात है।
जब हम बिलकुल नादान थे।
दुनियाँ के रंगों से अंजान थे।
माँ के आँचल में ही गुमनाम थे।
अब जब समय बीतता गया....
ये सब पीछे छूटता गया।
समय के साथ समझदार होते गए।
दुनियाँ के रंगों में ही घुलते गए।
माँ के उस आँचल से छूटते गए।
समय ने भी ये सबके साथ कैसा खेल है खेला,
बचपन की यादों का ही है बस दिमाग में मेला।
ये तो बस एक समय की बात है,
वरना अब तो माँ के आँचल बिन रात है।

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