मेरी फितरत अच्छाई से भरी पड़ी है, तभी तो किस बात का गिला शिकवा नहीं रखता हूँ मैं किसी से ! गिला शिकवा तो वो लोग रखा करते हैं, जिनकी फितरत में छल-कपट भरा पड़ा होता है !
ये शान, वीरों के नशे का है ! ये नशा, मातृभूमि के प्यार का है ! ये प्यार, देश की पहचान का है ! ये पहचान, वीरों के बलिदान का है ! ये बलिदान, वतन के मान का है ! ये मान, तिरंगे की शान का है ! ! जय हि...